Monday, 13 January 2020

ABOUT LORD SHIVA IN HINDI .

33 कोटि देवताओं में शिव ही कहलाये महादेव।।
।।आइये चले शिव की ओर ।।

 भारतीय मान्यता अनुसार 33 कोटि देवताओं में शंकर इसलिए महोदय को लाएं क्योंकि देवताओं और राक्षसों द्वारा संभावित रूप से किए गए समुद्र मंथन से निकलने हलाहल को देवा सुरों के आग्रह पर अपने कंठ में धारण कर खुद जलते हुए संसार के प्राणियों की। रक्षा की पार्वती ने जब शिव से अपनी मांग के सिंदूर की रक्षा की बात कही तो उन्होंने विश्व को कंठ में रोक लिया। विष के प्रभाव स्वरूप उनका कंठ नीला हो गया। इसलिए उन्हें नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है। एक तरफ शिव ने निशान कर जरत सकल सुर बृंद की रक्षा की तो दूसरी तरफ मुझसे कंठ में ही रोककर अपनी प्रिया पार्वती की मांग के सिंदूर को भी बचाया। इस महान कार्य की सभी ने भूरी भूरी प्रशंसा की और जय जयकार किया तभी से शंकर देव नहीं महादेव कॉलोनी लगे कविवर रहीम ने अपनी दोहे में इसका संकेत किया है।।


।।।। मान सहित विष खाई के शंभू भए जगदीश।।।।
।।।।बिना मान अमृत भख्यो राहु कटाए शीश।।।।।



सत्यम शिवम सुंदरम का समन्वय शिव का अर्थ ही होता है ।
कल्याण कारक मंगल पर शिव विश्व चेतना में निहित वह तत्व है ।जो लोकमंगल की दिशा में उन्मुख करता है ।मनुष्य को मनुष्य के हितार्थ उन्मुख करने की भावना शिवम है। सत्य के बारे में यह एक निर्विवाद तथ्य है कि जो आडंबर रहित एक कृतित्व है। वह सत्य है और सुंदरम सत्यम एवं शिवम को  समेट कर चलने वाली वह अनुभूति एवं अभिव्यक्ति का उत्कर्ष है। जिसमें आनंद की वर्षा होती है ।सत्य का प्रकाश शिवम की ज्योति से अनुप्राणित होकर सुंदरम की मनोहर अभिव्यक्ति करता है। सत्यम शिवम सुंदरम इन तीनों का सामान्य  जीवन को पूर्णता प्रदान करता है। मानवीय मूल्यों को एक स्थाई रूप देता है ।छायावादी कवि सुमित्रानंदन पंत ने सत्यम शिवम सुंदरम को इन शब्दों में एकाकार किया है।।

 ।।वही प्रज्ञा का सत स्वरूप हृदय में बनता है अपार।।
 ।।लोचन में लावण्या अनूप लोक सेवा में शिव अधिकार।।








No comments:

Post a Comment

ABOUT LORD SHIVA IN HINDI .

33 कोटि देवताओं में शिव ही कहलाये महादेव।। ।।आइये चले शिव की ओर ।।  भारतीय मान्यता अनुसार 33 कोटि देवताओं में शंकर इसलिए महोदय को लाएं...